KIRDAAR - A Tribute to Irrfan Khan Sir

आज सुबह से एक ख़बर सुन सदमे में हूँ।  यक़ीन कैसे करूँ पता नहीं लेकिन ख़बर सुनते ही वो सारे किरदार जो उस महान हस्ती ने निभाए हैं वो मेरी आँखें के आगे घूम रहे हैं।  दरअसल वो किरदार इतनी संजीदगी से निभाए गए हैं कि वो सिर्फ़ किसी फ़िल्म के किरदार ही नहीं , हमारी ज़िंदगी के किरदार बन गए।  
आप हमेशा दिल में रहोगे सर । 


मत पूछो कि आज क्या खोया है हमने 
वो आँखों से दूर 
लेकिन दिल में रहता यार खोया है 
जिसके साथ कई दफा हम हसें हैं हम रोए हैं  
वो कलाकार नहीं 
हमने अपना एक किरदार खोया है

वो किरदार 
जो मेरे साथ फुटपाथ  पे चलते-चलते 
मक़बूल  हो गया 
जो हच्च के छोटे से रिचार्ज  से घर-घर में
 मशहूर हो गया 
जिसकी आवाज़ ही एक अलग सी 
पहचान हो गयी 
जिसकी सादगी देख खुद शोहरत भी 
हैरान हो गयी 

वो किरदार 
जिसने स्लमडॉग से मिलियनेयर  तक 
रास्ते  बनाये हैं 
लेकिन मेरे साथ बैठ बिल्लू  नाई से 
बाल कटवाये हैं 
वो जो मेरे संग पान सिंह तोमर  बन 
भागा है 
और पाई  बनके शेर के साथ रात भर 
जागा है 

वो किरदार 
जिसने लंचबॉक्स  में मेरे मिड्डल क्लास होने के 
ग़म दिखाये हैं 
और रूहदार  बन हैदर  के कई अनकहे 
क़िस्से सुनाये हैं 
वो जो मदारी  बनके सब जमूरों की 
पोल खोल गया 
और क़रीब क़रीब सिंगल  में जो मन आया 
सब बोल गया 

वो किरदार 
जो चंद्रकांता  से अब तक न जाने कितने 
जज़्बे  दे गया 
जो हमारे बॉलीवुड को हिंदी मीडियम  से 
अंग्रेज़ी मीडियम  ले गया 
वो जो बड़ी से बड़ी मुसीबत से भी हस के 
लड़ना सिखा गया 
वो जो जाते जाते हमें इस कारवाँ  के साथ 
चलना सिखा गया 

वो जो न जाने कितने रूप बदल 
मेरे साथ चला वो यार खोया है 
आज कोई कलाकार या अदाकार नहीं 
हमने अपना एक किरदार खोया है । 
हमने अपना एक किरदार खोया है ।। 



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Thanks for your valuable time and support. (Arun Badgal)