इन हवाओं को कहदो तूफानों में बदल जाओ ,
इस कदर बदल जाने दो आज काइनात यह सारी ,
इस कदर बदल जाने दो आज कुदरत यह सारी ,
कि आज किसी भी सागर में दरिया ना मिले ,
किसी दरिया में कोई नदियाँ ना मिले ,
बहती जाये आज लहरों की मार से ,
किसी भी नाव को कोई मलाह न मिले।
कि आज किसी भी शायर को कोई कलम न मिले ,
किसी कलम को कोई अलफ़ाज़ न मिले ,
मिल भी जाये अगर किसी अलफ़ाज़ को आवाज़ ,
तो उस आवाज़ को सुर - साज़ ना मिले।
इस कदर बदल जाने दो आज असूल सारे ,
बदल जाने दो आज दस्तूर सारे,
इन्सान की फ़ितरत तो बदलने से रही ,
जाओ उस ख़ुदा को कहदो शैतानों में बदल जाओ ।।
इन हवाओं को कहदो तूफानों में बदल जाओ ,
महख़ानों को कहदो तहखानों में बदल जाओ ,
बदल गई जो आज नज़र किसी की ,
इन उजालों को कहदो वीरानों में बदल जाओ।
इन तीरों को कहदो निशानों में बदल जाओ ,
पीरों को कहदो हैवानों में बदल जाओ ,
जीते-जी आज फिर कोई मरा है ,
इन महफ़िलों को कहदो शमशानों में बदल जाओ।
इस कदर बदल जाने दो आज काइनात यह सारी ,
इस कदर बदल जाने दो आज कुदरत यह सारी ,
कि आज किसी भी सागर में दरिया ना मिले ,
किसी दरिया में कोई नदियाँ ना मिले ,
बहती जाये आज लहरों की मार से ,
किसी भी नाव को कोई मलाह न मिले।
कि आज किसी भी शायर को कोई कलम न मिले ,
किसी कलम को कोई अलफ़ाज़ न मिले ,
मिल भी जाये अगर किसी अलफ़ाज़ को आवाज़ ,
तो उस आवाज़ को सुर - साज़ ना मिले।
इस कदर बदल जाने दो आज असूल सारे ,
बदल जाने दो आज दस्तूर सारे,
इन्सान की फ़ितरत तो बदलने से रही ,
जाओ उस ख़ुदा को कहदो शैतानों में बदल जाओ ।।
इन हवाओं को कहदो तूफानों में बदल जाओ ,
महख़ानों को कहदो तहखानों में बदल जाओ।।
Ultimate veere.. Keep it up,����
ReplyDeleteThnku Arun Dua bro.... Keep loving keep supporting
DeleteGood hai bhai... Keep sharing..
ReplyDeleteThnku Arvind paji... Keep loving n supporting
DeleteIndeed a good one and finally something out of your vocab trap.... Keep writing...U can't live without
ReplyDeleteThnku dear .. Keep supporting..keep loving ...
ReplyDeleteChuk kalam tu likhta bhut kuch, jive aj he sb badal jana...
ReplyDeleteAndar chaati maar mere dost,is badlaav nu labhde tu khud kina badal reha...