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MAAHIR

यह कुछ पंक्तियाँ बड़े ही दिन से दिमाग में चल रहीं थी , तो आज सोचा कि इनको जैसे तैसे भी कोई एक रूप दे कर आप सबके सामने पेश करूँ।


दिल तो करता है कि सबको बतादूँ,
                                     ईरादा इस दिल बेईमान का ,
ऊँची आवाज़ में सबको सुनादूँ ,
                                     जवाब हर एक सवाल का ,
दिल चाहे एक ही पल में निपटादूँ,
                                     मसला मैं हर एक बवाल का ,
पर यह सोच कर चुप रह जाता हूँ
                                     कि यह सब वस मेरे से बाहर है ,
वैसे भी कौन सुनता यहाँ किसी की , 
                                    यहाँ तो सब सुनाने में माहिर हैं।
                                    यहाँ तो सब सुनाने में माहिर हैं ।।




कई बार कोशिश भी की हिम्मत करने की,
                                    कि कब तक यूँही डरता रहूँगा मैं ,
सोचता तो हूँ कि उगलदूँ सारा लावा,
                                    कब तक अंदर ही अंदर जलता रहूँगा मैं ,
ज्यादा से ज्यादा होगा भी तो क्या , 
                                    कोई मर जायेगा या मार ही देगा ना ,
ऐसे भी तो हर पल एक-एक सांस करके ,
                                    खुद ही खुदी में मरता रहूँगा मैं ,
लेकिन हर बार रोक देता हूँ खुद को , 
                                    मेरे होंसले भी कितने कायर हैं ,
वैसे भी कौन सुनता यहाँ किसी की ,
                                    यहाँ तो सब सुनाने में माहिर हैं।
                                    यहाँ तो सब सुनाने में माहिर हैं ।।



चलो मान लिया कि सब सुनाने में माहिर हैं
                                    तो हाँ मैं भी सुनने में माहिर हूँ यार ,
सुख रख के दुख ओरों को बांटने में माहिर हैं ,
                                    तो हाँ मैं भी ग़म चुनने में माहिर हूँ यार ,
कितने भी महान होंगे यह माहिर अपने आप में ,
                                    पर मेरी भी मोहारात पर शक़ ना कर ,
जानता हूँ उधेड़ देंगे यह सारा ताना-बाना ,
                                    पर मैं फिर भी सपने बुनने  में माहिर हूँ यार ,
मेरे सपने भी आँख मीच लेते हैं देख गैरों की नज़र ,
                                    शायद वोह भी मेरी तरह ही शायर हैं ,
वोह भी जानते हैं कि कौन सुनता यहाँ किसी की ,
                                    यहाँ तो सब सुनाने में माहिर हैं ।
                                    यहाँ तो सब सुनाने में माहिर हैं ।।

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